यादों के आगोश में मिलन की आस में रात भर वो बैठी रही द्वारे। यादों के आगोश में मिलन की आस में रात भर वो बैठी रही द्वारे।
नाम पता कुछ पता नहीं इसमें मेरी खता नहीं उसकी कशिश थी या वक़्त की बस आँख मिली तो ह नाम पता कुछ पता नहीं इसमें मेरी खता नहीं उसकी कशिश थी या वक़्त की बस ...
शंखनाद हुआ शंखनाद हुआ
जरूर सब कुछ पाने के लिए मेहनत काम करनी पड़ती है, कोशिश करो तो कभी हार नहीं है , कुछ जरूर सब कुछ पाने के लिए मेहनत काम करनी पड़ती है, कोशिश करो तो कभी हार नहीं...
कुछ खट्टी कुछ मीठी सी जिंदगानी हमारी कुछ तेरी कुछ मेरी बनती कहानी हमारी कुछ खट्टी कुछ मीठी सी जिंदगानी हमारी कुछ तेरी कुछ मेरी बनती कहानी हमारी
"आओ कि प्रेम करते हुए कुछ निश्चिंत हुआ जाए"... "आओ कि प्रेम करते हुए कुछ निश्चिंत हुआ जाए"...